सिवनी मालवा । जिला न्यायाधीश श्रीमती तबस्सुम खान की अदालत ने ग्राम लूचगांव में हुई महिला हत्या के प्रकरण में आरोपी संजय केवट को दोष सिद्ध पाते हुए आजीवन कारावास एवं ₹5,000 के अर्थदंड से दंडित किया है। न्यायालय ने यह भी अनुशंसा की है कि मृतका के तीनों अल्पायु पुत्रों के भविष्य, शिक्षा एवं पालन-पोषण हेतु प्रतिकर राशि का भुगतान किया जाए।
मामला 20 सितंबर 2022 का है, जब ग्राम लूचगांव निवासी सम्पत केवट ने थाना शिवपुर में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उसकी बहू सीमा बाई की हत्या चाकू मारकर कर दी गई है। फरियादी के अनुसार, उसका पुत्र अर्जुन केवट अपनी पत्नी सीमा और बच्चों के साथ अलग घर में रहता था, जिसके पीछे आरोपी संजय केवट का मकान था। घटना की रात लगभग 3 बजे अर्जुन का पुत्र सुरज भागते हुए अपने दादा के पास आया और बताया कि संजय केवट उसकी माँ से झगड़ा कर रहा है और मारपीट कर रहा है।
सुबह जब सम्पत केवट मछली पकड़ने से लौटे, तो उन्होंने सुरज से सीमा के बारे में पूछा, जिस पर उसने बताया कि संजय ने उसकी माँ को चाकू से मारा है। जब सम्पत मौके पर पहुंचे, तो सीमा घर की उसारी में पलंग के नीचे मृत अवस्था में पड़ी मिली। उसके शरीर पर चाकू के कई गहरे घाव थे और अत्यधिक रक्तस्राव से उसकी मृत्यु हो चुकी थी।
सूचना पर थाना शिवपुर पुलिस ने आरोपी संजय केवट के विरुद्ध धारा 302 भारतीय दंड संहिता के तहत प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना प्रारंभ की। जांच के दौरान यह तथ्य सामने आया कि आरोपी की मृतका से बातचीत होती थी, जिसका विरोध मृतका के परिवारजन करते थे, जिससे विवाद बढ़ा और घटना घटित हुई।
प्रकरण की पैरवी अपर लोक अभियोजक श्री राकेश यादव द्वारा की गई। उन्होंने साक्ष्यों, गवाहों के कथनों और तार्किक प्रस्तुतिकरण के माध्यम से न्यायालय के समक्ष अभियोजन पक्ष का पक्ष मजबूती से रखा। न्यायालय ने अभियोजन के तर्कों और साक्ष्यों को स्वीकार करते हुए मामले को प्रमाणित माना और आरोपी संजय केवट को हत्या का दोषी ठहराया।
न्यायाधीश श्रीमती तबस्सुम खान ने अपने निर्णय में कहा कि आरोपी का कृत्य घोर आपराधिक प्रवृत्ति का परिचायक है, जो समाज के लिए अत्यंत निंदनीय है। अतः आरोपी को आजीवन कारावास एवं ₹5,000 अर्थदंड से दंडित किया जाता है।
यह फैसला न केवल मृतका को न्याय प्रदान करता है, बल्कि यह संदेश भी देता है कि समाज में महिलाओं के विरुद्ध होने वाले हिंसक अपराधों के प्रति न्याय व्यवस्था कठोर और निष्पक्ष है।
