मां नर्मदा कावड़ यात्रा: 16वें वर्ष का शुभारंभ, हजारों श्रद्धालुओं ने लिया भाग

मां नर्मदा कावड़ यात्रा: 16वें वर्ष का शुभारंभ, हजारों श्रद्धालुओं ने लिया भाग

सिवनी मालवा। मां नर्मदा कावड़ यात्रा समिति, सिवनी मालवा के तत्वावधान में आयोजित होने वाली ऐतिहासिक कावड़ यात्रा का शुभारंभ आज नर्मदा तट आंवली घाट से भव्य विधि-विधान के साथ हुआ। यह यात्रा 16वें वर्ष में प्रवेश कर चुकी है और श्रद्धालुओं में भारी उत्साह के साथ आरंभ हुई।

यात्रा की शुरुआत पूज्य संत आचार्य पुरुषोत्तम दास जी महाराज, संत गोविंदराम शास्त्री और संत अनंतवन जी महाराज की उपस्थिति में हुई, जहां भक्तों ने मां नर्मदा का पूजन-अर्चन कर पुण्य सलिला से जल भरकर हर-हर महादेव के जयघोष के साथ कावड़ यात्रा प्रारंभ की।

इस शुभ अवसर पर कन्या पूजन और मां नर्मदा को चुनरी अर्पण कर मां की विशेष आराधना की गई। यह परंपरा ब्रह्मलीन संत श्री उमानाथ जी महाराज (गजानन आश्रम, आंवली घाट) की प्रेरणा से आरंभ हुई थी, जो अब सतत 16 वर्षों से श्रद्धा और भक्ति के साथ निरंतर चल रही है।

यात्रा का मार्ग और पड़ाव:

कावड़ यात्रा आंवली घाट से निकलकर हठनापुर, बुडारा कला, गोंडी, खरार, चौतलाय, झिल्लाय, उड़ारी, कोटलाखेड़ी, जीजलवाड़ा, धर्मकुंडी, सतवासा, हिरणखेड़ा, मकोडिया होते हुए ढाबा कला पहुंचेगी, जहां रात्रि विश्राम व भोजन की व्यवस्था की गई है।

जन सहभागिता और सेवा भाव:

यात्रा मार्ग में जगह-जगह ग्रामवासियों द्वारा मां नर्मदा की पूजा-अर्चना, फल वितरण, तथा चाय-नाश्ते से कावड़ियों का आत्मीय स्वागत किया गया। इस यात्रा में सैकड़ों श्रद्धालुओं की सहभागिता रही।

आयोजन समिति की प्रमुख भूमिका:

यात्रा की सफलता में संरक्षक महेश गोयल, संयोजक रामजीवन साध, राम यादव, महेश सरदार, प्रकाश कुशवाह, श्रीराम नागर, जयनारायण मानवीय, रविंद्र छिरेले, राजा लोवंशी, राममोहन पटेल, विजय सुननिया, राममोहन शर्मा सहित अनेक श्रद्धालुओं का महत्वपूर्ण योगदान रहा।

भक्ति, अनुशासन और सेवा के समन्वय से सजी यह कावड़ यात्रा न केवल धार्मिक श्रद्धा का प्रतीक है, बल्कि सामाजिक एकता और सांस्कृतिक गौरव का संदेश भी देती है।

error: Content is protected !!