भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर गृह विज्ञान महाविद्यालय में विविध आयोजन प्रारंभ
दंत परीक्षण शिविर से हुई शुरुआत, प्राचार्य डॉ. कामिनी जैन ने कहा — “स्वास्थ्य ही जीवन की सच्ची संपदा है”
नर्मदापुरम। भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में शासकीय गृह विज्ञान स्नातकोत्तर अग्रणी महाविद्यालय में विविध कार्यक्रमों की श्रृंखला की शुरुआत की गई। इस अवसर पर 8 नवंबर 2025 को अनुसूचित जाति एवं जनजाति छात्रावास में दंत परीक्षण शिविर आयोजित हुआ।
शिविर में महाविद्यालय की छात्राओं और सीनियर स्कूल की छात्राओं के दंत परीक्षण किए गए। कार्यक्रम में डॉ. शांतनु श्रीवास्तव ने अपनी टीम सहित गरिमामयी उपस्थिति दर्ज कराते हुए छात्राओं को दंत स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया।
कार्यक्रम में महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. श्रीमती कामिनी जैन, डॉ. रश्मि श्रीवास्तव तथा कार्यक्रम संयोजक डॉ. कंचन ठाकुर ने छात्रावास पहुँचकर छात्राओं से संवाद किया। प्राचार्य डॉ. जैन ने अपने प्रेरणादायी उद्बोधन में कहा कि स्वास्थ्य जीवन की अमूल्य निधि है। उन्होंने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा केवल स्वतंत्रता संग्राम सेनानी ही नहीं, बल्कि समाज सुधारक और आदिवासी अस्मिता के प्रतीक भी थे। उन्होंने ब्रिटिश शासन के खिलाफ जनविद्रोह का नेतृत्व किया और आदिवासी समुदाय के भूमि एवं अधिकारों की रक्षा की। इसी कारण उन्हें “धरती का आवा” अर्थात “पृथ्वी का पिता” कहा गया।
डॉ. जैन ने कहा कि महाविद्यालय और छात्रावास में नियमित रूप से स्वास्थ्य परीक्षण के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं ताकि छात्राओं का शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य सुदृढ़ बना रहे। इस माह दंत परीक्षण कराया गया है, जबकि आगामी माह में नेत्र परीक्षण शिविर का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने छात्राओं से कहा कि वे अपने स्वास्थ्य को लेकर सजग रहें और किसी भी समस्या की सूचना तुरंत दें।
डॉ. शांतनु श्रीवास्तव ने इस अवसर पर दंत रोगों से बचाव और मौखिक स्वच्छता बनाए रखने के उपाय बताए। उन्होंने कहा कि “स्वस्थ दांत, स्वस्थ शरीर की पहली सीढ़ी हैं।”
कार्यक्रम संयोजक डॉ. कंचन ठाकुर ने बताया कि बिरसा मुंडा जयंती सप्ताह के तहत निबंध, भाषण, खेल, चित्रकला, प्रश्नमंच, रंगोली, पाककला, लोकनृत्य, गायन, वादन और नाटक जैसी विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है। यह कार्यक्रम 15 नवम्बर तक एक श्रृंखला के रूप में संचालित होंगे।
इस अवसर पर डॉ. रश्मि श्रीवास्तव ने छात्राओं को संतुलित आहार और पोषण के महत्व की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि स्वस्थ भोजन ही मजबूत प्रतिरोधक क्षमता का आधार है। साथ ही उन्होंने छात्रावास कर्मचारियों के कार्यों का निरीक्षण भी किया।
दंत परीक्षण कार्यक्रम में छात्रावास अधीक्षिका श्रीमती सीमा गौर एवं श्रीमती लक्ष्मी दुबे ने सक्रिय सहयोग दिया।
इस दौरान श्री आर. के. चौकीकर, डॉ. रफीक अली, डॉ. कीर्ति दीक्षित, कुमारी पूजा गोस्वामी एवं एनएसएस की स्वयंसेविकाओं ने भी सराहनीय भूमिका निभाई।
कार्यक्रम का उद्देश्य छात्राओं में स्वास्थ्य, संस्कृति और सामाजिक चेतना का समन्वय स्थापित करना है, ताकि वे अपने व्यक्तित्व के समग्र विकास की दिशा में अग्रसर हो सकें।
