नवरात्रि 2025: मातृशक्ति विशेष : मातृ शक्तियों को हर जगह अवसर मिल रहा है और इन अवसरों का हम भरपूर उपयोग करें – अमृता लिटोरिया

नवरात्रि 2025: मातृशक्ति विशेष : मातृ शक्तियों को हर जगह अवसर मिल रहा है और इन अवसरों का हम भरपूर उपयोग करें - अमृता लिटोरिया

अमृता लिटोरिया
सरपंच, हिरणखेड़ा, सिवनी मालवा
नवरात्रि के अवसर सभी मातृ शक्तियों को गौरवांवित होने का क्षण भी है। आप देखेंगे कि समाज में महिलाओं का स्थान सशक्त हो रहा है। जिसका जीता जागता उदाहरण महिला आरक्षण बिल है। जब महिला आरक्षण बिल निर्वाचन क्षेत्रों में लागू होगा तो हम देखेंगे कि बड़े स्तर पर देश में अलग-अलग क्षेत्रों का नेतृत्व करते हुए महिलाएं अनेक पदों पर शोभायमान होंगी। कुछ समय पहले तक जहां नेतृत्व की बात में पुरुष वर्ग की प्रधानता देखी जाती थी ।वहीं आज राजनीति का क्षेत्र हो या सामाजिक क्षेत्र हो। चिकित्सा का क्षेत्र हो या विज्ञान का क्षेत्र हो। शिक्षा का क्षेत्र हो या प्रशासनिक ओहदों पर नारी की शक्ति प्रदर्शित होती दिख रही है‌। यह समाज में समानता के साथ-साथ नारी के बहुआयामी गुणों का भी प्रदर्शन है। नारी कभी अबला रही ही नहीं ।वह तो समय, परिस्थिति और दायित्वों में अपने को परिस्थिति अनुकूल स्वरूपों में ढाल लेने वाली है। मैंने जब पंचायत चुनाव में सरपंच पद की दावेदारी की। तो मेरे परिवार को ही यह विश्वास नहीं हो रहा था। कि मैं इस दायित्व का भली- भांति निर्वहन कर पाऊंगी। परंतु जब जनता ने विश्वास किया और मेरा सफलता पूर्वक इस पद के लिए निर्वाचन हुआ ।तो मैंने आत्मबल, कर्म प्रधानता और बुद्धिमत्ता के माध्यम से समाज के अंतिम व्यक्ति की सेवा को शिरोधार्य मानकर कार्य प्रारंभ किया और आज मुझे अपने मन में संतुष्टि मिलती है जब मैं किसी पात्र को लाभ प्रदान करवा पाती हूं । साथ ही अपने मातृभूमि के विकास में कुछ योगदान दे पा रही हूं। मेरा सभी मातृ शक्तियों से निवेदन है कि ईश्वर प्रदत्त शक्तिको को पहचाने और समाज में नेतृत्व भी करें। समाज के लिए कार्य भी करें। इसके साथ-साथ अपने व्यक्तित्व को कैसे पहचान दी जा सकें उसके लिए भी कार्य अवश्य करें। हमें अपनी खुद की भी पहचान बनाना आवश्यक है। पहचान के लिए हम परिवार पर निर्भर रहें अब वह वक्त नहीं रहा। मातृ शक्तियों को हर जगह अवसर मिल रहा है और इन अवसरों का हम भरपूर उपयोग करें और आगे बढ़े। अपने आत्म बल को कभी कमजोर न होने दें ।जीवन में उतार -चढ़ाव लगे रहते हैं पर सकारात्मकता अगर हमारे व्यक्तित्व में है तो हम बड़ी से बड़ी कठिनाइयों को भी धैर्य और साहस जैसे अस्त्रों से मात दे सकते हैं। पुन: आप सभी मातृ शक्तियों को महिला दिवस की बारंबार शुभकामनाएं।

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