श्रीमती कीर्ति माहाला
गृहिणी, नर्मदापुरम
महिला केवल एक परिवार की धुरी नहीं, बल्कि संपूर्ण समाज और राष्ट्र की आधारशिला भी हैं। वे अपनी बुद्धिमत्ता, सहनशक्ति और कर्मठता से हर क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं।
परिवार में महिला का योगदान: महिला केवल गृहिणी नहीं होती, बल्कि एक माँ, बहन, बेटी और पत्नी के रूप में परिवार को जोड़ने का कार्य करती है। उसकी भावनात्मक मजबूती और त्याग परिवार को संतुलित बनाए रखता है। वह बच्चों के संस्कारों की पहली शिक्षिका होती है, जिससे समाज का भविष्य बनता है।
समाज में महिला की भूमिका: समाज के उत्थान में महिलाओं का योगदान अतुलनीय है। वे शिक्षक, डॉक्टर, वैज्ञानिक, नेता और उद्यमी बनकर समाज को आगे बढ़ा रही हैं। स्व-सहायता समूहों, सामाजिक संगठनों और विभिन्न अभियानों के माध्यम से महिलाएं समाज सुधार में अहम भूमिका निभा रही हैं।
आर्थिक सशक्तिकरण में महिलाओं की भूमिका: आज महिलाएं केवल घर तक सीमित नहीं हैं, बल्कि व्यवसाय, कृषि, स्टार्टअप और कॉरपोरेट जगत में भी अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर रही हैं। सरकार की विभिन्न योजनाओं, जैसे मुद्रा योजना, स्टार्टअप इंडिया, महिला स्वयं सहायता समूह, ने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने का अवसर दिया है।
राजनीति और नेतृत्व में महिलाओं का योगदान: महिलाएं अब राजनीतिक क्षेत्र में भी प्रभावी भूमिका निभा रही हैं। पंचायतों से लेकर संसद तक, उनकी भागीदारी न केवल महिलाओं के मुद्दों को आगे लाने में मदद करती है, बल्कि समाज को एक नई दिशा भी प्रदान करती है।