श्रीमति स्वाति शैलेंद्र गौर
उपाध्यक्ष, नगर पालिका, सिवनी मालवा
महिला सशक्तिकरण केवल सरकार की जिम्मेदारी नहीं है, ये हम सबकी जिम्मेदारी है. हमें ये सुनिश्चित करना होगा कि हमारी बहनें, बेटियां, पत्नियां और माताएं सम्मान, सुरक्षा और समानता के साथ जीवन व्यतीत करें.
इस नवरात्रि पर हम संकल्प लें कि हम महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करेंगे, उनके प्रति सम्मान और सहयोग की भावना रखेंगे और एक ऐसे समाज का निर्माण करेंगे जहां महिलाएं स्वतंत्र रूप से अपने सपनों को पूरा कर सकें.
“नारी शक्ति का सम्मान करो.” लेकिन सम्मान केवल शब्दों में नहीं, बल्कि हमारे विचारों और कार्यों में भी दिखना चाहिए.
आज जरूरत है महिलाओं को केवल सम्मान देने की नहीं, बल्कि उन्हें हर क्षेत्र में बराबरी का अवसर देने की. अगर एक महिला शिक्षित होगी, तो वह पूरे परिवार और समाज को शिक्षित करेगी. अगर उसे अवसर मिलेगा, तो वह देश को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगी. इसलिए, इस महिला दिवस पर हम सिर्फ उनकी तारीफ करने तक सीमित न रहें, बल्कि ये प्रण लें कि हम उनके अधिकारों की रक्षा करेंगे, उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहेंगे और उन्हें हर क्षेत्र में आगे बढ़ने का हौसला देंगे. क्योंकि जब एक महिला आगे बढ़ती है, तो समाज भी आगे बढ़ता है.
इतिहास गवाह है कि महिलाएं हर क्षेत्र में अपना परचम लहरा चुकी हैं. फिर चाहे वह रानी लक्ष्मीबाई का साहस हो, कल्पना चावला की उड़ान हो या मैरी कॉम की मेहनत. महिला सशक्तिकरण का अर्थ सिर्फ शिक्षा और नौकरी तक सीमित नहीं है. ये महिलाओं को अपने फैसले खुद लेने, आत्मनिर्भर बनने और समान अवसर प्राप्त करने का अधिकार देने से जुड़ा है. एक शिक्षित और सशक्त महिला न केवल अपना जीवन संवारती है, बल्कि पूरे समाज को समृद्ध बनाती है.