सिवनी मालवा। इस वर्ष सिवनी मालवा क्षेत्र में आई अतिवृष्टि, पीला मोजेक रोग और अफलान जैसी प्राकृतिक आपदाओं के कारण किसानों की सोयाबीन फसल पूरी तरह से नष्ट हो गई है। किसानों ने पूरे वर्ष कड़ी मेहनत और भारी लागत लगाई, लेकिन फसल उत्पादन में भारी गिरावट के चलते उनकी आर्थिक स्थिति डगमगा गई है। प्रदेश के अन्य जिलों में किसानों को मुआवजा दिया जा चुका है, जबकि सिवनी मालवा के किसान अभी भी राहत से वंचित हैं। इससे स्थानीय किसानों में गहरा आक्रोश है।
ब्लॉक कांग्रेस कमेटी सिवनी मालवा के अध्यक्ष विजय पटेल ने कहा कि यह सरकार की नीतिगत असफलता और किसानों के प्रति भेदभाव का स्पष्ट उदाहरण है। उन्होंने कहा कि किसानों ने हर संभव प्रयास किया, परंतु जब प्राकृतिक आपदाओं ने मेहनत पर पानी फेर दिया, तब सरकार को तत्काल राहत देना चाहिए था। दुर्भाग्य से सिवनी मालवा के किसानों के साथ अन्याय हो रहा है। विजय पटेल ने बताया कि किसानों को न तो उचित मुआवजा मिल रहा है और न ही उनकी उपज का समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीदी हो रही है। किसान विवश होकर अपनी उपज भावांतर योजना के तहत औने-पौने दामों में बेचने को मजबूर हैं, जो न केवल उनकी मेहनत का अपमान है बल्कि आर्थिक रूप से भी उन्हें कमजोर बना रहा है।
ब्लॉक कांग्रेस कमेटी ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नाम ज्ञापन सौंपते हुए किसानों की प्रमुख समस्याओं को उठाया। ज्ञापन में किसानों के फसल नुकसान का मुआवजा वितरण, एमएसपी पर खरीदी सुनिश्चित करने, आगामी फसलों के लिए डीएपी और यूरिया की समय पर उपलब्धता, नहरों की सफाई और खेतों के फीडर सहित खराब डीपी को बदलने की मांग की गई।विजय पटेल ने कहा कि अब किसानों की उपेक्षा सहन नहीं की जाएगी। जब तक सरकार किसानों को न्याय नहीं देती, कांग्रेस पार्टी किसानों के साथ हर मोर्चे पर खड़ी रहेगी। उन्होंने किसानों से एकजुट होकर अपने हक की लड़ाई लड़ने का आह्वान किया।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता राधेश्याम पटेल ने भी कहा कि सरकार किसानों के हित की बात करती है, लेकिन ज़मीन पर सच्चाई बिल्कुल विपरीत है। जब किसान प्राकृतिक आपदाओं से जूझ रहे हैं, तब सरकार केवल बयानबाज़ी कर रही है। सिवनी मालवा के किसानों को तुरंत राहत दी जानी चाहिए और उनकी उपज को समर्थन मूल्य पर खरीदा जाना चाहिए।
इस अवसर पर राधेश्याम पटेल, मनमोहन अग्रवाल, गोपाल कृष्ण शर्मा, बाबू चौधरी, शंकर पटेल, जगदीश कपूर, समीर शर्मा, सुमित पटेल, बंटी वर्मा, स्वदेश शर्मा, मुकेश रघुवंशी, गुलाब तंवर, सुशील रघुवंशी, रामकृष्ण बांके, चंपा रघुवंशी सहित बड़ी संख्या में किसान उपस्थित रहे।