सिवनी मालवा। शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ने का सपना देखने वाली एक छात्रा के लिए आधार कार्ड में नाम की त्रुटि बड़ी बाधा बन गई। महीनों तक प्रयास करने के बाद भी जब नाम सुधार नहीं हो पाया, तो अंततः छात्रा ने सोमवार को नर्मदापुरम संभाग के कमिश्नर के.जी. तिवारी से मुलाकात की और अपनी समस्या साझा की।
छात्रा की पीड़ा
छात्रा ने बताया कि उसके आधार कार्ड में नाम गलत दर्ज है। उसने कई बार आधार सेवा केंद्र में आवेदन कर सभी आवश्यक दस्तावेज—जैसे जन्म प्रमाणपत्र, शैक्षणिक अंकसूची और पहचान प्रमाण—जमा किए। लेकिन बार-बार आवेदन करने के बावजूद अब तक नाम में सुधार नहीं हो पाया। सेवा केंद्र से हर बार यही जवाब मिलता रहा कि “मामला प्रोसेस में है” या “सिस्टम में दिक़्क़त है।” इस स्थिति के कारण छात्रा को न केवल कॉलेज में प्रवेश में कठिनाई हो रही है बल्कि परीक्षा फार्म भरने और शैक्षणिक प्रमाणपत्रों में आधार लिंक करने में भी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। साथ ही अन्य सुविधाओं का लाभ उठाने में भी काफी सारी समस्याएं आ रही है।
कमिश्नर ने लिया संज्ञान
छात्रा की समस्या सुनने के बाद कमिश्नर के.जी. तिवारी ने तत्काल कार्रवाई करते हुए आधार कार्ड सेंटर प्रभारी से पूरी जानकारी ली। उन्होंने छात्रा को आश्वासन दिया कि उसकी समस्या को प्राथमिकता से निपटाया जाएगा।
इसके साथ ही कमिश्नर तिवारी ने एसडीएम सरोज सिंह परिहार और जनपद पंचायत सीईओ श्रुति चौधरी को विशेष रूप से निर्देश दिए कि मामले पर नजर रखें और छात्रा को तत्काल राहत दिलाएँ।
कमिश्नर ने ई-गवर्नेंस अधिकारी को फोन पर दिए निर्देश
कमिश्नर तिवारी ने केवल मौखिक आश्वासन तक खुद को सीमित नहीं रखा। उन्होंने डिस्ट्रिक्ट ई-गवर्नेंस अधिकारी संदीप चौरसिया से फ़ोन पर चर्चा की और आदेश दिया कि छात्रा के नाम सुधार संबंधी आवेदन को तुरंत निपटाकर समस्या का समाधान किया जाए। उन्होंने कहा कि तकनीकी गड़बड़ी या लापरवाही से किसी छात्र का भविष्य अंधकारमय नहीं होना चाहिए।
जिम्मेदारी तय करने के संकेत
कमिश्नर तिवारी ने अधिकारियों को सख्त लहजे में चेतावनी दी कि ऐसे मामलों में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। आधार कार्ड आज हर नागरिक की पहचान का मूल दस्तावेज है और छोटी सी त्रुटि भी व्यक्ति के लिए गंभीर परेशानी खड़ी कर सकती है। उन्होंने कहा कि छात्रों को विशेष रूप से समय पर यह सुविधा मिलनी चाहिए, क्योंकि उनकी पढ़ाई और करियर इससे सीधे जुड़े हैं।
निर्देश मिलने के बाद डिस्ट्रिक्ट ई-गवर्नेंस अधिकारी संदीप चौरसिया ने बताया कि छात्रा के सभी दस्तावेजों की जाँच कर ली गई है और वे पूरी तरह सही पाए गए हैं। उन्होंने कहा, “छात्रा को बुलवाकर उसके आधार कार्ड अपडेट की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। संभवत: शीघ्र ही उसका आधार कार्ड सही हो जाएगा।”
नागरिकों के लिए राहत के उपाय
कमिश्नर तिवारी ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि जिले में ऐसे सभी मामलों की सूची तैयार की जाए और विशेष शिविर आयोजित कर नागरिकों की आधार संबंधी समस्याओं का त्वरित समाधान किया जाए। उन्होंने कहा कि आधार कार्ड आज पहचान का मूल दस्तावेज है और इसमें हुई छोटी सी त्रुटि भी नागरिकों को योजनाओं, छात्रवृत्तियों और प्रतियोगी परीक्षाओं से वंचित कर सकती है।
परिवार ने जताया आभार
कमिश्नर की पहल के बाद छात्रा और उसके परिजनों ने संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि अब उन्हें भरोसा है कि समस्या का समाधान जल्दी होगा। उन्होंने कमिश्नर के.जी. तिवारी का आभार जताते हुए कहा कि प्रशासन की सक्रियता से छात्रा निश्चिंत होकर अपनी पढ़ाई आगे बढ़ा सकेगी। छात्रा ने कहा कि भाेपाल तक परेशान हो गई थी लेकिन अब जब कमिश्नर सर से मिलने के बाद सुधार की उम्मीद है।
क्यों अहम है आधार में सुधार?
विशेषज्ञ बताते हैं कि आधार कार्ड में दर्ज नाम, जन्मतिथि और अन्य विवरण कई शासकीय योजनाओं, छात्रवृत्ति, कॉलेज प्रवेश और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए अनिवार्य होते हैं। यदि इनमें त्रुटि हो तो न केवल शैक्षणिक बल्कि सामाजिक व आर्थिक योजनाओं का लाभ भी प्रभावित होता है।
आधार अपडेट की सामान्य प्रक्रिया में आवेदन करने पर 90 दिनों के भीतर सुधार हो जाना चाहिए। लेकिन कई बार तकनीकी गड़बड़ी या लापरवाही के कारण यह प्रक्रिया लंबी खिंच जाती है। ऐसे में जिला स्तर पर वरिष्ठ अधिकारियों का हस्तक्षेप ही नागरिकों को राहत दिला सकता है।