सिवनी मालवा । राज्य शासन द्वारा संचालित “सांदीपनि योजना” के अंतर्गत स्कूल शिक्षा विभाग ने एक ऐतिहासिक और दूरदर्शी निर्णय लेते हुए सिवनी मालवा ब्लॉक की 20 शासकीय प्राथमिक शालाओं का मर्जर (एकीकरण) करने का आदेश जारी किया है। यह निर्णय शिक्षा की गुणवत्ता को और बेहतर बनाने, संसाधनों का समुचित उपयोग करने तथा विद्यार्थियों को समृद्ध शैक्षणिक वातावरण प्रदान करने के उद्देश्य से लिया गया है।
यह मर्जर आदेश मध्यप्रदेश शासन की ‘विद्यालय समेकन नीति’ का हिस्सा है, जिसके अंतर्गत कम छात्र संख्या वाली शालाओं को निकटवर्ती संसाधनयुक्त शालाओं में समाहित किया जाता है। शासन का मानना है कि इससे विद्यार्थियों को बेहतर अध्यापन, स्मार्ट क्लास, पुस्तकालय, विज्ञान प्रयोगशाला एवं डिजिटल सुविधाएं उपलब्ध हो सकेंगी।
शिक्षा विभाग की प्राथमिकताएं:
- गुणवत्तापूर्ण शिक्षण: विद्यार्थियों को प्रशिक्षित एवं विषय विशेषज्ञ शिक्षकों के माध्यम से शिक्षा मिलेगी।
- संसाधनों का अधिकतम उपयोग: सीमित संसाधनों को अलग-अलग शालाओं में बाँटने की बजाय उन्हें एक स्थान पर केंद्रित किया जाएगा।
- प्रभावी निगरानी एवं मूल्यांकन: एकीकृत विद्यालयों में प्रशासनिक एवं शैक्षणिक नियंत्रण अधिक प्रभावशाली होगा।
- आधुनिक सुविधाओं से युक्त शिक्षा: ICT लैब, लाइब्रेरी, स्मार्ट कक्षाएं आदि से छात्र-छात्राओं को लाभ होगा।
इन सभी शालाओं को पास की उच्च संसाधनयुक्त शालाओं में मर्ज किया गया है। इससे एक ओर जहां छात्रों को बेहतर शैक्षणिक वातावरण मिलेगा, वहीं शिक्षक भी सहयोगात्मक रूप से कार्य कर सकेंगे।
छात्रों और अभिभावकों को होगा लाभ
शिक्षा विभाग का यह कदम छात्रों और उनके अभिभावकों के लिए सकारात्मक साबित होगा। बच्चों को एक ही स्थान पर समस्त सुविधाएं मिलने से वे प्रतिस्पर्धात्मक माहौल में आगे बढ़ सकेंगे। वहीं शिक्षकों को भी अधिक संख्या में छात्रों को पढ़ाने और अपनी योग्यता को दर्शाने का अवसर मिलेगा।
शिक्षा विभाग ने यह भी आश्वासन दिया है कि जिन बच्चों को दूरी के कारण समस्या हो सकती है, उनके लिए परिवहन सुविधा एवं अन्य सहयोगात्मक उपाय किए जाएंगे।
अभिभावकों से अपील
शिक्षा विभाग ने सभी अभिभावकों से आग्रह किया है कि वे इस परिवर्तन को सकारात्मक दृष्टि से देखें और अपने बच्चों को समय पर नवीन मर्ज विद्यालयों में प्रवेश दिलाएं। शासन यह सुनिश्चित करेगा कि किसी भी विद्यार्थी की पढ़ाई बाधित न हो।