स्कूल शिक्षा विभाग में समाहित अध्यापकों को 20 वर्षों की सेवा शून्य करना अन्यायपूर्ण : राममोहन रघुवंशी
सिवनी मालवा/भोपाल | मध्यप्रदेश शासकीय शिक्षक संगठन की प्रांतीय बैठक आज भोपाल के तुलसी नगर स्थित मध्यप्रदेश राज्य कर्मचारी संगठन के प्रांतीय कार्यालय में सम्पन्न हुई। बैठक की अध्यक्षता संगठन के प्रांत अध्यक्ष राकेश दुबे ने की, जबकि संचालन महामंत्री संजीव त्रिपाठी द्वारा किया गया।
मां सरस्वती के पूजन के साथ हुई बैठक की शुरुआत
कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती के पूजन-अर्चन के साथ की गई। इसके पश्चात प्रदेशभर से आए जिला अध्यक्षों एवं प्रांतीय कार्यकारिणी सदस्यों ने अपने विचार रखते हुए शिक्षक समुदाय की ज्वलंत समस्याओं और मांगों को मंच पर रखा।
राज्य कर्मचारी संगठन के पदाधिकारी रहे विशेष रूप से उपस्थित
इस बैठक में मध्यप्रदेश राज्य कर्मचारी संघ के प्रांतीय अध्यक्ष हेमंत श्रीवास्तव तथा महामंत्री जितेन्द्र सिंह विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। प्रांत अध्यक्ष राकेश दुबे ने उनका पुष्पगुच्छ भेंट कर स्वागत किया और शिक्षक वर्ग की समस्याओं को राज्य कर्मचारी संगठन के मंच तक पहुंचाने की अपील की।
प्रमुख मांगें जो बैठक में रखी गईं
संगठन के प्रांतीय उपाध्यक्ष राममोहन रघुवंशी ने बैठक में स्पष्ट कहा कि “राज्य स्कूल शिक्षा सेवा में नियुक्त किए गए शिक्षाकर्मी, गुरुजी, संविदा शाला शिक्षक जो वर्षों से अध्यापक के रूप में कार्य कर रहे थे, उनकी 20 वर्षों की सेवा को शून्य मान लेना सरासर अन्याय है। उन्हें नियुक्ति दिनांक से वरिष्ठता प्रदान की जानी चाहिए।”
इसके साथ ही उन्होंने यह भी मांग की कि—
- आदिम जाति कल्याण विभाग की शालाओं को स्कूल शिक्षा विभाग के अधीन किया जाए।
- अनुकंपा नियुक्ति की प्रक्रिया को सरलीकृत किया जाए, जिससे शोकग्रस्त परिवारों को शीघ्र राहत मिल सके।
संगठनात्मक ढांचे को सुदृढ़ करने पर दिया गया बल
प्रांत अध्यक्ष राकेश दुबे ने संबोधित करते हुए कहा कि संगठन की शक्ति उसकी ब्लॉक, जिला और संभागीय कार्यकारिणियों से आती है। इसलिए आवश्यकता है कि संगठन की इन सभी इकाइयों को मजबूत और सक्रिय बनाया जाए। उन्होंने यह भी घोषणा की कि संगठन की प्रमुख मांगों को शीघ्र ही मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश शासन के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।
बैठक में ये प्रमुख पदाधिकारी रहे उपस्थित
इस बैठक में प्रदेशभर से आए अनेक पदाधिकारियों की उपस्थिति रही, जिनमें प्रमुख रूप से—
उपेन्द्र कौशल, चंद्रोदय मिश्रा, संजीव त्रिपाठी, भरत गोयल, भगवान सिंह राणावत, नवल सिंह रघुवंशी, राम मिलन मिश्रा, हरिराम विश्वकर्मा, अशोक मालवीय, श्रीमती संध्या मिश्रा, अशोक देवराले, मजीद खान, राकेश साहू, भागीरथ योगी, लोकेश गौर, महेश हरियाले आदि शामिल रहे।
आंदोलन की चेतावनी भी दी गई
बैठक में यह भी तय किया गया कि यदि मांगों पर शीघ्र सकारात्मक निर्णय नहीं लिया गया, तो संगठन प्रदेशव्यापी आंदोलन की दिशा में भी विचार करेगा।