भोपाल। मालेगांव विस्फोट मामले में एनआईए विशेष अदालत द्वारा दिए गए ऐतिहासिक निर्णय पर प्रतिक्रिया देते हुए भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष विश्वेन्द्र सिंह मंडलोई ने कहा कि यह फैसला केवल कानूनी दृष्टिकोण से नहीं, बल्कि वैचारिक और राष्ट्रीय आत्मसम्मान की दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह उन तमाम राष्ट्रभक्तों की विजय है, जिन्हें वर्षों तक एक झूठे और दुर्भावनापूर्ण नैरेटिव के तहत अपमानित, प्रताड़ित और राजनीतिक रूप से निशाना बनाया गया।
श्री मंडलोई ने कहा कि मालेगांव विस्फोट केस को लेकर कांग्रेस शासित समय में जिस प्रकार “हिंदू आतंकवाद” जैसी साजिशी अवधारणा को गढ़ा गया था, उसने न केवल राष्ट्रवादी संगठनों की छवि को धूमिल किया, बल्कि भारत की सनातन संस्कृति और विचारधारा पर भी प्रश्नचिह्न लगाने का प्रयास किया। कांग्रेस पार्टी ने वोटबैंक की राजनीति के लिए इस केस का उपयोग एक औजार की तरह किया और निर्दोष राष्ट्रभक्तों को झूठे मुकदमों में फंसाया गया।
उन्होंने आगे कहा कि इस फैसले ने यह सिद्ध कर दिया है कि भारत की न्याय व्यवस्था आज भी तथ्यों, सबूतों और सत्य के आधार पर निर्णय करती है, न कि झूठे प्रचार या राजनीतिक दबाव में। वर्षों से मानसिक और सामाजिक यातना झेल रहे निर्दोषों को आखिरकार आज न्याय मिला है, और यह राष्ट्रवाद की वैचारिक जीत है।
राजनीतिक साजिश और मीडिया ट्रायल का दौर:
श्री मंडलोई ने अपने वक्तव्य में यह भी कहा कि मालेगांव केस केवल एक आतंकी हमले की जांच नहीं थी, बल्कि यह उस समय की राजनीतिक सत्ता के द्वारा रची गई एक योजनाबद्ध साजिश थी, जिसमें विपक्षी दलों ने राष्ट्रवादी विचारधारा को बदनाम करने की ठानी थी।
कुछ मीडिया संस्थानों ने भी बिना पुष्टि के, तथ्यों की जांच किए बिना, केवल एक विशेष एजेंडे के तहत आरोपियों को दोषी ठहराना शुरू कर दिया। यह मीडिया ट्रायल न केवल भारतीय संविधान की मूल भावना के खिलाफ था, बल्कि निर्दोषों के सम्मान और मानवीय अधिकारों पर भी सीधा आघात था।
जिम्मेदारी तय हो, कार्रवाई हो:
भाजपा युवा मोर्चा प्रदेश उपाध्यक्ष ने यह मांग भी की कि जिन अधिकारियों, नेताओं और संगठनों ने इस झूठे केस को खड़ा किया, उन्हें भी जवाब देना होगा। यह देश के लोकतंत्र के लिए आवश्यक है कि झूठ फैलाने वालों की जवाबदेही तय की जाए और उन्हें कानून के दायरे में लाया जाए, ताकि भविष्य में कोई भी राजनीतिक हित के लिए देश की सुरक्षा और सामाजिक सौहार्द्र के साथ खिलवाड़ न कर सके।
भाजपा का स्पष्ट रुख — आतंकवाद के खिलाफ कठोर और राष्ट्रवाद के साथ अडिग:
श्री मंडलोई ने दोहराया कि भारतीय जनता पार्टी और उसका युवा मोर्चा आतंकवाद के खिलाफ हमेशा सख्त रहा है और रहेगा — चाहे वह किसी भी धर्म, जाति या विचारधारा से जुड़ा व्यक्ति क्यों न हो। लेकिन किसी निर्दोष को सिर्फ उसकी विचारधारा या संगठन से जुड़ाव के कारण प्रताड़ित करना न केवल अन्याय है, बल्कि संविधान और लोकतंत्र की आत्मा के खिलाफ है।
यह फैसला केवल न्याय का नहीं, राष्ट्र के आत्मसम्मान का है:
यह फैसला भारतीय न्यायपालिका की निष्पक्षता, राष्ट्रवादी विचारधारा की दृढ़ता और सत्य की अटल विजय का प्रतीक है। अब समय आ गया है कि राष्ट्रहित से ऊपर राजनीति करने वालों को बेनकाब किया जाए और देश को वैचारिक रूप से फिर से सशक्त किया जाए।