सिवनी मालवा। इंसान की नशा करने की आदत उसके पूरे परिवार को तबाह कर देती है। नशा करने वाले इंसान की समाज में भी उसकी मान प्रतिष्ठा समाप्त हो जाती है। उक्त बात ग्राम पंचायत धरमकुंडी में विशेष नशा मुक्ति अभियान के अंतर्गत नालसा योजना के अंतर्गत 22 अप्रेल 25 को आयोजित विधिक साक्षरता शिविर में कही।
न्यायाधीश सरोज डेहरिया ने कहा कि नशा करने वाला इंसान अपने परिवार को तो बरवाद और तबाह तो करता ही है साथ ही समाज में अपनी मान प्रतिष्ठा खो देता है। उसके नशे की आदत का शिकार वह स्वयं होता है। उसके परिवार को इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है। सारी कमाई नशा करने वाला अपने नशे में उजाड़ देता है और उसका परिवार भूख से ग्रस्त हो जाता है।
नशा उन्मूलन के लिए शासन द्वारा अनेको योजनाए चलाकर नशा मुक्ति केंद्र खोले गये है। जहा नशा पीड़ितों को रखा जाकर उनकी नशा करने की आदते छुड़ाई जाती है। उन्होंने बताया कि 10 जून 25 को नेशनल लोक अदालत आयोजित की जा रही है। जिसमे न्यायालय में विचाराधीन प्रकरणो में पक्षकारो के मध्य आपसी राजीनामा होकर प्रकरण समाप्त किये जाते है।
जिसमे सभी पक्षकार जिनके प्रकरण राजिनामा योग्य है। वह अपने प्रकरणो में राजीनाम इसी तरह न्यायालय में आने वाले असक्षम पक्षकारो को विधिक सहायता के माध्यम से निः शुल्क विधिक सहायता प्रदान की जाकर उन्हे निःशुल्क अधिवक्ता उपलब्ध कराये जाते है।
शिविर में ग्राम पंचायत सचिव शंकरसिंह राजपूत, सहायक सचिव रूपसिंह सिसोदिया, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता आशा दमाड़े, आशा कार्यकर्ता रेविका मंडल, आंगनबाड़ी सहायिका कीर्ति गौर, शिक्षिका मीना धनवारे, उर्मिला पवार सहित ग्रामीण जन उपस्थित रहे।
