- श्रद्धालुओं की आस्था के साथ पर्यावरण संरक्षण को भी मजबूती – निगम आयुक्त
- निर्माल्य पात्रों का उपयोग करें, जल में पूजन सामग्री प्रवाहित करने से बचें – डॉ. सौरभ सोनवणे
- स्वच्छता और पुनर्चक्रण की ओर कदम, रीवा में घाटों और मंदिरों के पास लगाए गए निर्माल्य कलश
- नगर निगम रीवा की पहल, निर्माल्य कलश पात्र से स्वच्छता और आस्था दोनों की रक्षा
रीवा। नगर निगम रीवा द्वारा स्वच्छता और धार्मिक स्थलों की पवित्रता बनाए रखने के लिए निगम आयुक्त डॉ. सौरभ सोनवणे के निर्देशानुसार शहर के विभिन्न नदी घाटों एवं मंदिरों के पास निर्माल्य कलश पात्रों की स्थापना की गई है। इन पात्रों का उद्देश्य पूजन सामग्री, फूल, माला के जैविक कचरे को नदी में फेंकने के बजाय एक उचित स्थान पर एकत्र करना है। निर्माल्य पात्र विशेष रूप से धार्मिक कार्यों के बाद फूल-माला आदि को एकत्र करने के लिए बनाए गए हैं, ताकि लोग पूजन सामग्री को सीधे नदी में न बहाएं, जल प्रदूषण रोका जा सके और इनका शुचिता के साथ सही निस्तारण सुनिश्चित किया जा सके। ये पात्र शहर के प्रमुख घाटों और मंदिरों के पास लगाए गए हैं, जिससे श्रद्धालु आसानी से इनका उपयोग कर सकें।
निगम आयुक्त डॉ. सौरभ सोनवणे ने कहा कि श्रद्धालुओं की आस्था को ध्यान में रखते हुए हमारी प्राथमिकता शहर की स्वच्छता और नदी घाटों को प्रदूषण मुक्त बनाना है। उन्होंने श्रद्धालुओं से अपील की कि वे पूजन सामग्री को सीधे जल में न बहाकर निर्माल्य पात्रों में डालें, जिससे पर्यावरण संरक्षण को और मजबूती प्रदान किया जा सके । साथ ही उन्होंने बताया कि इन फूल-मालाओं का उपयोग नगर निगम के स्व-सहायता समूहों के माध्यम से खाद और गुलाल बनाने के लिए भी किया जाएगा, जिससे स्वच्छता के साथ-साथ पुनर्चक्रण को भी बढ़ावा मिलेगा।